इस वक्त Kuwait की सरकार एक अनोखे लेकिन गंभीर संकट से जूझ रही है। देश Illegal Crypto Mining के कारण पॉवर क्राइसिस में फंस गया है। बिना लाइसेंस के चल रहे इन माइनिंग ऑपरेशन्स ने देश की पॉवर सिस्टम्स के सामने एक गंभीर संकट खड़ा कर दिया है ।
क्या है मामला और सरकार ने क्या कदम उठाए
Kuwait में पिछले कुछ महीनों से पॉवर कंसम्पशन अचानक रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया था। शुरुआत में इसे गर्मी और एसी के बढ़े इस्तेमाल का नतीजा समझा गया, लेकिन जब कुछ इलाकों में असामान्य कंसम्पशन देखा गया तो अधिकारियों ने छानबीन शुरू की।
छापेमारी के दौरान कई गोदामों, घरों और बंद पड़े ऑफिसों में Illegal Crypto Mining ऑपरेशन्स का पता लगा, जहां बिना लाइसेंस के भारी तादाद में माइनिंग मशीनें चल रही थीं। ये मशीनें घरेलू बिजली कनेक्शन से चोरी छिपे पावर लेकर क्रिप्टो टोकन माइन कर रही थीं।
सरकार ने बिजली चोरी के आरोप में 20 से ज्यादा माइनिंग साइट्स पर कार्रवाई की है और अब ब्लॉकचेन बेस्ड इलेक्ट्रिसिटी मॉनिटरिंग सिस्टम लाने पर भी विचार कर रही है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को समय रहते रोका जा सके।
क्रिप्टो माइनिंग और पॉवर कंजंप्शन का मुद्दा क्यों महत्वपूर्ण है?
2022 में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, Bitcoin Mining अकेले 150 टेरावॉट पॉवर कंस्यूम करता है, जो अर्जेंटीना जैसे पूरे देश के एनुअल कन्सम्प्शन से भी अधिक है । इससे लगभग 65 मेगाटन CO₂ एमिशन होता है, जो ग्रीस के टोटल एमिशन बराबर है। यह एनर्जी मुख्यतः फॉसिल फ्यूल से प्राप्त होती है, जिससे क्लाइमेट चेंज की समस्या और बढ़ जाती है। इसलिए क्रिप्टो माइनिंग और पावर कन्सम्प्शन का मुद्दा न केवल टेक्नोलॉजी बल्कि एनवायरनमेंट और सोशल पर्सपेक्टिव से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।
सिर्फ Kuwait के लिए नहीं बल्कि ग्लोबल क्राइसिस बन गया है Illegal Crypto Mining
Kuwait का ये मामला अनोखा नहीं है। इससे पहले भी कई देशों को Illegal Crypto Mining के चलते बिजली संकट का सामना करना पड़ा है।
Georgia में तो हालात इतने बिगड़ गए थे कि पूरे इलाकों में ब्लैकआउट हो गया था। वहाँ सरकार को खासतौर पर माइनिंग साइट्स पर मॉनिटरिंग बढ़ानी पड़ी थी।
Iran ने भी 7000 से ज्यादा Illegal Crypto Mining साइट्स पर छापेमारी की और हजारों मशीनें जब्त कीं, क्योंकि इनकी वजह से देशभर में पावर शॉर्टेज हो गई थी।
Kosovo ने 2022 में सीधे क्रिप्टो माइनिंग पर बैन लगा दिया था, जब पॉवर डिमांड पूरी नहीं हो पा रही थी।
Kazakhstan में माइनर्स ने बिजली की डिमांड को 8% बढ़ा दिया था, जिससे पावर प्लांट फेल होने लगे।
Thailand, Russia, Laos और Britain जैसे देशों में भी Illegal Crypto Mining ऑपरेशन्स बिजली चोरी और ग्रिड प्रेशर की बड़ी वजह बने।
कुल मिलाकर, ये मामला अब सिर्फ कुछ देशों तक सीमित नहीं रहा Illegal Crypto Mining एक वैश्विक चुनौती बनती जा रही है। अगर आप विस्तार से जानना चाहते हैं की क्रिप्टो माइनिंग पर्यावरण को कैसे प्रभावित कर रही है, तो इस लिंक पर क्लिक कीजिए।
लेकिन समाधान भी मौजूद हैं: Green Crypto Mining और नए विकल्प
जहां एक ओर क्रिप्टो माइनिंग पॉवर क्राइसिस पैदा कर रही है, वहीं दूसरी ओर कुछ देश और प्रोजेक्ट्स इसे सस्टेनेबल बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं। Green Crypto Mining एक नई दिशा है, जिसमें क्रिप्टो माइनिंग सोलर, विंड और हाइड्रो जैसे रिन्यूएबल एनर्जी से की जाती है। उदाहरण के तौर पर Iceland, Norway और Bhutan जैसे देश 100 प्रतिशत ग्रीन एनर्जी से Bitcoin Mining कर रहे हैं।
इसके अलावा कुछ नए कॉइन ऐसे एल्गोरिदम पर बने हैं जो बिजली की खपत बहुत कम करते हैं:
Proof of Stake (PoS): Ethereum ने खुद 2022 में PoW से PoS पर शिफ्ट किया, जिससे उसकी एनर्जी यूसेज 99 प्रतिशत तक घट गई।
Chia Coin: यह स्टोरेज बेस्ड माइनिंग करता है, जिसमें CPU के बजाय हार्ड ड्राइव यूज होती है, जिससे बिजली कम लगती है।
Kaspa जैसे प्रोजेक्ट्स हाई एफिशिएंसी वाले ASIC हार्डवेयर पर फोकस कर रहे हैं जो परफॉर्मेंस के साथ बिजली की खपत भी घटाते हैं।
अगर ग्लोबल लेवल पर फ्यूचर में क्रिप्टो अडॉप्टेशन बढ़ाना हैं, तो इन्हीं सस्टेनेबल आप्शन पर फोकस करना होगा।
कन्क्लूज़न
Kuwait का मामला दिखाता है कि क्रिप्टो माइनिंग अब सिर्फ इंटरनेट या फायनेंस का मुद्दा नहीं रह गया है, बल्कि यह सीधे नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर को भी प्रभावित कर रहा है। Georgia का उदाहरण बताता है कि अगर समय रहते कार्रवाई न हो, तो पावर ग्रिड पर भारी असर पड़ सकता है। लेकिन अच्छी बात यह है कि सस्टेनेबल माइनिंग के विकल्प मौजूद हैं। अगर सही दिशा में रेगुलेशन और टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल हो, तो क्रिप्टो माइनिंग एन्वॉयरमेंट और इंफ्रास्ट्रक्चर दोनों के लिए नुकसानदेह नहीं रहेगी।