FBI की हालिया रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि सिर्फ 2024 में ही अमेरिका में $9.3 बिलियन (लगभग ₹77 हजार करोड़) का नुकसान क्रिप्टो से जुड़े साइबर फ्रॉड्स की वजह से हुआ है। ये आंकड़ा 2023 की तुलना में 66% ज्यादा है, जो दर्शाता है कि डिजिटल एसेट्स के जरिए स्कैम अब आम होते जा रहे हैं।
इन्वेस्टमेंट के नाम पर सबसे ज्यादा ठगी
FBI के Internet Crime Complaint Center (IC3) की रिपोर्ट के मुताबिक, 1.5 लाख से ज्यादा शिकायतें सिर्फ क्रिप्टो फ्रॉड से जुड़ी हैं। इनमें सबसे आम तरीका है इन्वेस्टमेंट फ्रॉड यानी ऐसे फर्जी प्लेटफॉर्म्स जो हाई रिटर्न का वादा करके लोगों से पैसा इन्वेस्ट करवाते हैं और फिर गायब हो जाते हैं। ज्यादातर मामलों में विक्टिम ये मानते हैं कि वो किसी भरोसेमंद फाइनेंशियल एक्सपर्ट से जुड़ रहे हैं। लेकिन असल में वे सीधे स्कैमर्स के जाल में फंस जाते हैं।
“Pig Butchering”: स्कैम का नया ट्रेंड
रिपोर्ट में एक खतरनाक ट्रेंड की भी पहचान की गई है, जिसे "Pig Butchering Scam" कहा जाता है। इसमें स्कैमर पहले विक्टिम से सोशल मीडिया या डेटिंग ऐप्स के ज़रिए इमोशनल रिलेशन बनाते हैं। भरोसा बनने के बाद उन्हें किसी "Crypto Project" में इन्वेस्ट करने के लिए तैयार करते है। एक बार जब एसेट उन तक पहुँच जाते हैं तो स्कैमर्स फंड को चुपचाप निकाल लेते हैं और वो भी ऐसे तरीके से कि उसे ट्रैक करना लगभग नामुमकिन हो जाता है। इस तरह के स्कैम पैटर्न को देखते हुए ही Elon Musk ने Crypto Scams को Hot Girl बताते हुए वार्निंग जारी की थी।
बुजुर्ग सबसे अधिक शिकार
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि 60 साल से ऊपर की उम्र के लोगों को $2.8 बिलियन का नुकसान हुआ। 2023 में यह आंकड़ा $1.65 बिलियन था, यानी एक साल में लगभग 70% की बढ़ोतरी हुई। बुजुर्गों को टेक सपोर्ट स्कैम, इन्वेस्टमेंट फ्रॉड और यहां तक कि Crypto ATMs के जरिए भी निशाना बनाया गया है। इन उम्रदराज यूजर्स की डिजिटल इनफार्मेशन और सिक्योरिटी को लेकर कम अवेयरनेस होना फ्रॉडर्स के लिए एक आसान मौका बन गया है। यह बताता है कि उम्र और टेक-अवेयरनेस के बीच गैप क्रिप्टो क्राइम को बढ़ा रहा है। क्रिप्टो फ्रॉड का ऐसा ही एक तरीका Crypto Honeypot Scam हाल ही में चर्चा में था, Crypto Honeypot Scam के बारे में विस्तार से जानने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें।
डाटा चोरी भी बनी बड़ी चुनौती
क्रिप्टो से जुड़े फ्रॉड में दूसरे नंबर पर डेटा चोरी रही, जिससे $1.1 बिलियन का नुकसान हुआ। इन डेटा ब्रीच के जरिए स्कैमर्स डिजिटल वॉलेट में अनऑथराइज्ड एक्सेस, आइडेंटिटी थेफ़्ट और फेक इन्वेस्टमेंट को अंजाम दिया है।
FBI की कार्रवाई: Operation Level Up
बढ़ते मामलों को देखते हुए USA ने जनवरी 2024 में “Operation Level Up” नाम की पहल शुरू की है। इसका मकसद रियल टाइम मोनिटरिंग के ज़रिए फ्रॉड को पहले ही पकड़ना और रोकना है। FBI के मुताबिक, इस इनिशिएटिव ने अब तक 285 मिलियन डॉलर के फ्रॉड को रोका है और हजारों संभावित विक्टिम की पहचान कर उन्हें अलर्ट किया गया। लेकिन एक और चिंताजनक बात रिपोर्ट में सामने आई, जिसमे बताया गया कि 42 लोगों को Suicide Prevention Programs में भेजा गया, जो बताता है कि फाइनेंशियल फ्रॉड सिर्फ पैसों तक सीमित नहीं रहा बल्कि यह मेंटल हेल्थ को भी बुरी तरह प्रभावित कर रहा है।
आगे का रास्ता: टेक्नोलॉजी और अवेयरनेस दोनों जरूरी
क्रिप्टो का डिसेंट्रलाइज्ड आर्किटेक्चर और एनोनिमस नेचर इसे अपराधियों के लिए एक आसान टूल बना देता है। रिपोर्ट साफ इशारा करती है कि फ्रॉड रोकने के लिए सिर्फ टेक्नोलॉजी काफी नहीं है बल्कि रेगुलेशन, अवेयरनेस और प्रिवेंशन की भी ज़रूरत है। इसके साथ ही, क्रिप्टो इंडस्ट्री को भी अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी। KYC, ऑडिट और स्कैम डिटेंशन जैसे फीचर्स को मजबूत करना अब समय की मांग है।
कन्क्लूज़न
2024 में क्रिप्टो स्कैम ने अमेरिका में जो तबाही मचाई है, वो सिर्फ एक देश की कहानी नहीं बल्कि ये एक ग्लोबल वेक-अप कॉल है। जैसे-जैसे डिजिटल इन्वेस्टमेंट बढ़ेगा, वैसे-वैसे स्कैमर भी नए तरीके तलाशेंगे। ऐसे में सरकारों, एक्सचेंजों और आम यूजर्स तीनों को मिलकर एक सेफ क्रिप्टो फ्यूचर की दिशा में काम करना होगा।